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Mahabharat Mystery – Yudh Ke Karan, Itihas aur Seekh, Mahabharat Kyu Hua? महाभारत कारण और पूर्ण विवरण

Mahabharat Mystery – Yudh Ke Karan, Itihas aur Seekh, Mahabharat Kyu Hua? महाभारत कारण और पूर्ण विवरण

महाभारत का संक्षिप्त परिचय

महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है, जिसे महर्षि वेदव्यास ने लिखा था। यह एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें कौरवों और पांडवों के बीच हुए धर्मयुद्ध का वर्णन किया गया है। महाभारत को हिन्दू धर्म का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है और इसमें 1,00,000 से अधिक श्लोक हैं।

महाभारत की रचना और रचयिता

महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी, लेकिन इसे गणेश जी ने लिखा था। जब वेदव्यास ने इस महाकाव्य की रचना करनी चाही, तो उन्होंने भगवान गणेश को इसे लिखने के लिए आमंत्रित किया। गणेश जी ने शर्त रखी कि वे इसे बिना रुके लिखेंगे और वेदव्यास को इसे लगातार सुनाना होगा। वेदव्यास ने भी शर्त रखी कि गणेश जी इसे समझकर ही लिखेंगे, जिससे उन्हें सोचने का समय मिल सके।

महाभारत क्यों हुआ? इसके पीछे का कारण

महाभारत केवल एक युद्ध नहीं था, बल्कि यह अधर्म के विरुद्ध धर्म की विजय की कहानी थी। इसके पीछे कई प्रमुख कारण थे:

  1. राजगद्दी का विवाद – कौरव और पांडव दोनों हस्तिनापुर के सिंहासन के उत्तराधिकारी थे, लेकिन दुर्योधन ने छल-कपट से राज्य पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश की।
  2. जुए का खेल और द्रौपदी का अपमान – दुर्योधन के कहने पर शकुनि ने पांडवों को जुए में फंसाया और छल से उनकी पूरी संपत्ति जीत ली। इसी दौरान द्रौपदी का अपमान सभा में किया गया, जो युद्ध का मुख्य कारण बना।
  3. भीष्म पितामह की प्रतिज्ञा – उन्होंने हस्तिनापुर की गद्दी के प्रति निष्ठा दिखाई, भले ही राजा अधर्मी क्यों न हो। उनका यह संकल्प युद्ध को टालने में बाधा बना।
  4. श्रीकृष्ण की शांति दूत यात्रा – भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध रोकने के लिए दुर्योधन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसने उनका अपमान किया और युद्ध को अवश्यंभावी बना दिया।

महाभारत के प्रमुख पात्र

  1. श्रीकृष्ण – महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अर्जुन के सारथी बने और उन्हें गीता का ज्ञान दिया।
  2. अर्जुन – पांडवों में सबसे बड़े योद्धा और धनुर्धर। उन्होंने कुरुक्षेत्र युद्ध में अहम भूमिका निभाई।
  3. भीष्म पितामह – कौरवों के प्रधान सेनापति और प्रतिज्ञा के प्रतीक। उन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया।
  4. दुर्योधन – कौरवों का सबसे बड़ा भाई और युद्ध का मुख्य कारण।
  5. द्रौपदी – पांडवों की पत्नी, जिनका चीरहरण कौरव सभा में किया गया। यह घटना महाभारत युद्ध का एक बड़ा कारण बनी।
  6. कर्ण – सूर्य पुत्र और महाभारत के महान योद्धा। वे दुर्योधन के मित्र और अंग देश के राजा थे।

महाभारत का सार

महाभारत में मुख्य रूप से धर्म और अधर्म के बीच युद्ध का वर्णन किया गया है। कुरुक्षेत्र में हुए इस युद्ध में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया, जो आज भी जीवन के लिए एक मार्गदर्शन का कार्य करता है।

श्रीमद्भगवद्गीता

महाभारत के भीष्म पर्व में श्रीमद्भगवद्गीता आती है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संग्रह है। इसमें जीवन, धर्म, कर्म और मोक्ष से संबंधित गहन ज्ञान दिया गया है।

महाभारत से प्राप्त शिक्षाएँ

  1. धर्म का पालन करें – धर्म के मार्ग पर चलना ही जीवन का सर्वोत्तम मार्ग है।
  2. कर्म का महत्व – कर्म पर ही मनुष्य का अधिकार है, फल पर नहीं।
  3. अहंकार का नाश – दुर्योधन और कर्ण का पतन अहंकार के कारण हुआ।
  4. स्त्रियों का सम्मान करें – द्रौपदी का अपमान महाभारत युद्ध का प्रमुख कारण बना।

निष्कर्ष

महाभारत केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन का एक दर्पण है, जो हमें धर्म, नीति और सत्य का बोध कराता है। यह हमें यह सिखाता है कि सत्य की हमेशा विजय होती है और अधर्म का नाश निश्चित है।

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