
Maha Shivratri 2025 : तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा | Maha Shivratri 2025 Vrat Katha & Puja Vidhi

1. महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Maha Shivratri 2025 Date & Time)
2. महाशिवरात्रि का महत्व (Significance of Maha Shivratri)
3. महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि (Shivratri Vrat & Puja Vidhi)
4. महाशिवरात्रि व्रत कथा (Shivratri Vrat Katha)
5. शिव मंत्र, भजन और आरती (Shiv Mantra, Bhajan & Aarti)
6. महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें? (Dos & Don’ts of Maha Shivratri)
7. महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त और उपाय (Shubh Muhurat & Remedies)
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1. महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Maha Shivratri 2025 Date & Time)
महाशिवरात्रि 2025 इस वर्ष (तिथि और समय डालें) को मनाई जाएगी। यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
- निशिता काल पूजा मुहूर्त: 27 फरवरी 2025, मध्यरात्रि 12:08 बजे से 12:58 बजे तक
- व्रत पारण समय: 27 फरवरी 2025, सुबह 06:47 बजे के बाद
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025, सुबह 08:54 बजे
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2. महाशिवरात्रि का महत्व (Significance of Maha Shivratri)
महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का शुभ दिन है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व:
यह दिन भगवान शिव और माँ शक्ति के मिलन का प्रतीक है।
इस दिन रात्रि में जागरण और शिव पूजन से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
जीवन में सुख-शांति और सफलता पाने के लिए महाशिवरात्रि का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
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3. महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि (Shivratri Vrat & Puja Vidhi)
महाशिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत रखने की विधि:
1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
2. शिवलिंग अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से अभिषेक करें।
3. बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं: भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें।
4. शिव मंत्र जाप करें: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
5. रात्रि जागरण: पूरी रात जागकर शिव चालीसा, शिव पुराण और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
6. अगले दिन पारण करें: ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
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4. महाशिवरात्रि व्रत कथा (Shivratri Vrat Katha in Hindi)
प्राचीन काल में एक शिकारी घनघोर जंगल में भटक गया। भूख और प्यास से व्याकुल शिकारी को एक बेल का पेड़ मिला। उसने वहां डेरा जमा लिया। रात के समय उसे ठंड लगने लगी, तो वह बेल के पत्ते तोड़कर नीचे गिराने लगा। संयोग से वहां एक शिवलिंग था, जिस पर वे पत्ते गिरते रहे।
उसने पूरी रात बिना कुछ खाए-पिए गुजार दी और सुबह होते ही उसे अद्भुत अनुभूति हुई। भगवान शिव प्रकट हुए और उसे आशीर्वाद देकर सभी पापों से मुक्त कर दिया।
यह कथा हमें सिखाती है कि अज्ञानता में भी यदि कोई भगवान शिव की भक्ति करता है तो वह शिव कृपा प्राप्त करता है।
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5. शिव मंत्र, भजन और आरती (Shiv Mantra, Bhajan & Aarti)
शिव मंत्र:
“ॐ नमः शिवाय”
“महामृत्युंजय मंत्र” – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
महाशिवरात्रि भजन:
“भोले शंकर तेरी जय जय कार…”
“कर्पूरगौरं करुणावतारं…”
शिव आरती:
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा…
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6. महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें? (Dos & Don’ts of Maha Shivratri)
क्या करें:
भगवान शिव की उपासना करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
व्रत रखें और रात्रि जागरण करें।
महामृत्युंजय मंत्र और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
क्या न करें:
लहसुन-प्याज और मांसाहार का सेवन न करें।
गलत विचारों से बचें और किसी का दिल न दुखाएं।
शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते अर्पित न करें।
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7. महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त और उपाय (Shubh Muhurat & Remedies)
शुभ उपाय:
बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
21 बिल्वपत्र अर्पित करें और धन-समृद्धि की प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का पाठ करें।
रुद्राक्ष की माला धारण करें और शिव उपासना करें।
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महाशिवरात्रि भगवान शिव की कृपा पाने का उत्तम पर्व है। इस दिन व्रत रखने, पूजा करने और रात्रि जागरण करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि आप सच्चे मन से महादेव की आराधना करेंगे, तो सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी और जीवन में सुख-समृद्धि आए।
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