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मां बृजेश्वरी कांगड़ा देवी के रोचक तथ्य और अनसुने रहस्य, जाने हमारे साथ

मां बृजेश्वरी देवी, जिन्हें कांगड़ा देवी के नाम से भी जाना जाता है, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ हैं। यह मंदिर हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र स्थानों में से एक है और इसका उल्लेख कई पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। मान्यता है कि जब माता सती ने योग शक्ति से अपने शरीर को त्याग दिया था, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर तांडव करने लगे। इस दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए, जो अलग-अलग स्थानों पर गिरे। इन्हीं स्थानों को शक्तिपीठ कहा जाता है। कांगड़ा स्थित मां बृजेश्वरी देवी मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहां माता सती का वक्ष स्थल गिरा था। इस मंदिर को महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है और कहा जाता है कि जब पांडव अपनी अज्ञातवास की समाप्ति के बाद हिमालय की यात्रा कर रहे थे, तब उन्होंने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। मंदिर की स्थापत्य कला अद्भुत है और यहां की दिव्यता हर भक्त को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराती है।

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मंदिर के गर्भगृह में मां बृजेश्वरी देवी की दिव्य मूर्ति स्थित है, जो भक्तों के लिए अटूट श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। विशेष रूप से मकर संक्रांति के अवसर पर यहां भव्य उत्सव मनाया जाता है, जिसमें देवी को मक्खन और घी का विशेष लेप लगाया जाता है। इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि जब महमूद गजनवी ने 1009 ईस्वी में इस मंदिर को लूटकर नष्ट कर दिया था, तब बाद में इसे पुनः स्थापित किया गया और देवी की मूर्ति पर घी का लेप लगाया गया ताकि मूर्ति को होने वाली क्षति से बचाया जा सके। यह मंदिर कई बार आक्रमणकारियों के हमले का शिकार हुआ, लेकिन हर बार इसे श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और भक्ति से पुनः स्थापित किया। वर्तमान में यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है और इसे भव्य रूप से सजाया गया है। मंदिर परिसर में भक्तों के लिए रहने और प्रसाद ग्रहण करने की भी उत्तम व्यवस्था है। मां बृजेश्वरी देवी की कृपा से हर वर्ष हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

मां बृजेश्वरी कांगड़ा देवी के रोचक तथ्य और अनसुने रहस्य

मां बृजेश्वरी देवी मंदिर, जिसे कांगड़ा देवी शक्तिपीठ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता बल्कि अपने रहस्यमय इतिहास और अद्भुत परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रोचक तथ्य और रहस्य हैं जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाते हैं।

screenshot_2025-03-12-14-36-38-36_96b26121e545231a3c569311a54cda962021973440879631185-851x1024 मां बृजेश्वरी कांगड़ा देवी के रोचक तथ्य और अनसुने रहस्य, जाने हमारे साथ

रोचक तथ्य:

1. शक्तिपीठों में प्रमुख स्थान – यह मंदिर उन 51 शक्तिपीठों में शामिल है, जहां माता सती के शरीर के टुकड़े गिरे थे। यहां माता का वक्ष स्थल गिरा था, जिससे यह स्थान अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय बन गया।

2. महाभारत काल से संबंध – कहा जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास समाप्त होने के बाद इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। उन्होंने इस मंदिर को अपने विजय यात्रा के दौरान स्थापित किया और यहां मां बृजेश्वरी की पूजा-अर्चना की।

3. मकर संक्रांति पर विशेष पूजा – मकर संक्रांति के दिन यहां विशेष उत्सव मनाया जाता है। इस दिन मां बृजेश्वरी को घी और मक्खन से श्रृंगारित किया जाता है। यह परंपरा मंदिर की ऐतिहासिक रक्षा से जुड़ी हुई है।

4. महमूद गजनवी का आक्रमण – 1009 ईस्वी में महमूद गजनवी ने इस मंदिर पर हमला कर इसे लूट लिया था। कहा जाता है कि इस मंदिर में अथाह धन-संपत्ति थी, जिसे लूटने के बाद उसने इसे नष्ट कर दिया। बाद में स्थानीय शासकों और भक्तों ने इसे पुनः स्थापित किया।

5. बार-बार विध्वंस और पुनर्निर्माण – यह मंदिर कई बार आक्रमणकारियों के निशाने पर रहा। इसे महमूद गजनवी के अलावा, फिरोज शाह तुगलक और औरंगजेब ने भी नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन हर बार यह मंदिर भक्तों की आस्था से पुनः स्थापित होता गया।

6. महान संतों की तपस्थली – इस मंदिर में आदि शंकराचार्य, गुरु गोविंद सिंह और अन्य कई महान संतों ने ध्यान और साधना की थी। यह स्थान आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयुक्त माना जाता है।

7. गर्भगृह का रहस्य – मंदिर के गर्भगृह में स्थित मां की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है, अर्थात यह किसी मानव द्वारा बनाई गई नहीं बल्कि स्वयं प्रकट हुई है।

8. गुप्त सुरंगों का रहस्य – मान्यता है कि इस मंदिर के नीचे गुप्त सुरंगें थीं, जो कांगड़ा किले तक जाती थीं। यह सुरंगें आक्रमण के समय राजाओं और पुजारियों को सुरक्षित निकलने का रास्ता प्रदान करती थीं।

9. अखंड ज्योति – इस मंदिर में एक अखंड ज्योति जलती रहती है, जो यह दर्शाती है कि मां की शक्ति कभी समाप्त नहीं होती। यह दीपक सदियों से बिना रुके जल रहा है।

10. स्वयं प्रकट होने वाली मूर्ति – कई भक्तों का मानना है कि मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी और इसमें दैवीय ऊर्जा समाहित है।

11. पवित्र कुंड का रहस्य – मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुंड है, जिसके जल को चमत्कारी माना जाता है। श्रद्धालु इसमें स्नान करने से रोगों और दोषों से मुक्त होने की मान्यता रखते हैं।

12. चमत्कारी घंटी – कहा जाता है कि मंदिर में स्थित घंटी में इतनी ऊर्जा है कि जो भी सच्चे मन से इसे बजाता है, उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।

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अनसुने रहस्य:

मां बृजेश्वरी देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि रहस्यों से भरा हुआ स्थान है। यहां कई अनसुलझे रहस्य हैं, जो भक्तों और शोधकर्ताओं दोनों को चकित कर देते हैं।

1. देवी की मूर्ति बदलने का रहस्य

मंदिर में देवी की मूर्ति समय-समय पर बदलती है। यह रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझा है। भक्तों का मानना है कि यह माता का चमत्कार है और उनकी दिव्य शक्ति को दर्शाता है।

2. गुप्त खजाने की कहानी

ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में कभी अपार धन-संपत्ति थी, जिसे आक्रमणकारियों ने लूट लिया। लेकिन एक मान्यता यह भी है कि मंदिर में अभी भी कोई गुप्त खजाना छुपा हुआ है, जिसे देवी की कृपा से ही पाया जा सकता है।

3. मंदिर का पुनर्निर्माण अपने आप होना

ऐसा माना जाता है कि जब भी मंदिर को कोई नुकसान पहुंचता है, तो देवी की कृपा से इसका पुनर्निर्माण अपने आप हो जाता है। भक्तों का मानना है कि यह शक्ति स्वयं मां बृजेश्वरी की है, जो मंदिर की रक्षा करती हैं।

4. मंदिर की दीवारों से निकलने वाली सुगंध

मंदिर की कुछ दीवारों से हमेशा दिव्य सुगंध आती है, जिसे वैज्ञानिक रूप से समझाया नहीं जा सकता। यह सुगंध भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करती है।

5. चमत्कारी ध्वजा (झंडा) का रहस्य

मंदिर के ऊपर लहराने वाली ध्वजा कभी भी तेज हवा में भी नीचे नहीं गिरती, जबकि अन्य स्थानों पर लगे झंडे हिलते रहते हैं। इसे मां की चमत्कारी शक्ति माना जाता है।

6. स्वप्न में दर्शन देकर बुलाना

कहा जाता है कि कई श्रद्धालु, जिन्हें इस मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उनके स्वप्न में मां बृजेश्वरी ने दर्शन दिए और उन्हें यहां आने का निर्देश दिया। यह घटना कई लोगों के साथ हो चुकी है, जिससे उनकी श्रद्धा और विश्वास और अधिक गहरा हुआ है।

7. रहस्यमयी संगीत की ध्वनि

रात के समय कुछ भक्तों ने मंदिर के आसपास रहस्यमयी संगीत सुनने की बात कही है। कहा जाता है कि यह देवताओं की उपस्थिति का संकेत है, जो मां की आराधना करते हैं।

8. कोई भी खाली हाथ नहीं जाता

मंदिर की यह मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मां बृजेश्वरी देवी के दर्शन करने आता है, उसकी कोई न कोई इच्छा अवश्य पूरी होती है।

मां बृजेश्वरी कांगड़ा देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, चमत्कार और रहस्यों से भरा हुआ स्थान है। इस मंदिर की अद्भुत मान्यताएं, ऐतिहासिक घटनाएं और चमत्कारी घटनाएं इसे और भी खास बनाती हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु दिव्य शक्ति का अनुभव करते हैं और मां की कृपा से अपने जीवन की समस्याओं का समाधान पाते हैं। भले ही मंदिर को कई बार विध्वंस किया गया हो, लेकिन यह हर बार और अधिक भव्यता और आस्था के साथ पुनः स्थापित होता गया। यही इस स्थान की सबसे बड़ी विशेषता और शक्ति है।

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