
Virat Kohli – कांग्रेस नेता की पुरानी पोस्ट फिर हुई वायरल,विराट कोहली पर टिप्पणी के बाद रोहित शर्मा पर फैट-शेमिंग का मामला गरमाया
Virat Kohli – कांग्रेस नेता की पुरानी पोस्ट फिर हुई वायरल,विराट कोहली पर टिप्पणी के बाद रोहित शर्मा पर फैट-शेमिंग का मामला गरमाया
भारतीय क्रिकेट हमेशा से ही फैंस और राजनेताओं के बीच चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में कांग्रेस के एक नेता द्वारा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पर की गई फैट-शेमिंग टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। इस विवाद के बीच, उनकी पुरानी पोस्ट भी फिर से चर्चा में आ गई है, जिसमें उन्होंने विराट कोहली पर टिप्पणी की थी। आइए जानते हैं पूरा मामला।
रोहित शर्मा पर फैट-शेमिंग का विवाद
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के लिए मशहूर हैं, लेकिन हाल ही में उनके वजन को लेकर एक राजनीतिक नेता की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया। यह पहली बार नहीं है जब किसी क्रिकेटर को उनके शारीरिक बनावट को लेकर ट्रोल किया गया हो, लेकिन जब यह बयान किसी राजनीतिक हस्ती से आता है, तो इसका असर और भी गहरा होता है।
पुरानी पोस्ट क्यों हो रही है वायरल?
इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर उस नेता की पुरानी पोस्ट सामने आई, जिसमें उन्होंने विराट कोहली को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं। क्रिकेट फैंस ने तुरंत इस मुद्दे को उठाया और दोनों घटनाओं की तुलना करने लगे। सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या यह क्रिकेटर्स के प्रति दोहरे मापदंड को दर्शाता है?

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर इस मुद्दे पर कई मीम्स और प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। रोहित शर्मा के फैंस ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की, जबकि विराट कोहली के समर्थक भी इस बहस में कूद पड़े।
कुछ उपयोगकर्ताओं ने लिखा:
“क्रिकेटर्स की फिटनेस पर सवाल उठाने वालों को पहले खुद को आईने में देखना चाहिए।”
“अगर विराट कोहली की तारीफ हो सकती है, तो रोहित शर्मा की आलोचना क्यों?”
“राजनीति और क्रिकेट को अलग रखना चाहिए, लेकिन कुछ लोग यह समझते नहीं।”
निष्कर्ष
क्रिकेट एक खेल है, जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि उनकी शारीरिक बनावट को। फैट-शेमिंग या किसी भी खिलाड़ी का अपमान करना सही नहीं है, चाहे वह कोई भी हो। सोशल मीडिया पर यह बहस यह दिखाती है कि लोग अपने पसंदीदा खिलाड़ियों के समर्थन में किस तरह से खड़े रहते हैं। राजनीति और खेल को अलग रखना जरूरी है ताकि खिलाड़ी अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
आप इस विवाद पर क्या सोचते हैं? हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!
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