Navratri – नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए जिससे माता नाराज़ हो जाती हैं?

Navratri – नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए जिससे माता नाराज़ हो जाती हैं?

नवरात्रि स्पेशल

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह समय साधकों के लिए साधना, तपस्या और के लिए है संयम का होता है। लेकिन इस दौरान कुछ ऐसे काम सामने आते हैं जो माता रानी की कृपा से प्रशंसा कर सकते हैं। यदि हम नवरात्रि में सही वास्तु का पालन करें न करें, तो माँ की सूची झेलनी पड़ सकती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि नवरात्रि में कौन-कौन से कार्य करने से बचना चाहिए ताकि माता की कृपा प्राप्त हो सके.

(Navratri 2025 – नवरात्रि का महत्व, तिथि और व्रत कैसे रखें, जाने हमारे साथ)

1.मांसाहार और नशे का सेवन न करेंनवरात्रि पवित्रता और सात्विकता का पर्व है। इस दौरान मांस, मछली, अंडा, शराब, सीताफल और अन्य किसी भी प्रकार के नशे का सेवन पूरी तरह से प्रतिकूल होता है। यह आपका शरीर है और आत्मा को कर्ता माना जाता है, जिससे माँ दुर्गा की कृपा नहीं होती। यदि आप इन नीरस से बचते हैं, तो आपका मन और शरीर दोनों शुद्ध हैं, जिससे पूजा-पाठ होता हैमें अधिक एकता बनी रहेगी।

2. प्याज और लहसुन का सेवन न करेंनवरात्रि में भोजन में सात्विकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा जाता है, जो क्रोध और नकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है। इसलिए, व्रत के दौरान भोजन से बचना चाहिए। माता रानी को शुद्ध और सात्विक भोजन ही प्रिय है, इसलिए इस नियम का पालन करना आवश्यक है।

3. झूठ बोलना, चोरी करना और कपट से बचानानवरात्रि एक ऐसा समय है जब हमें न केवल अपने आहार में बल्कि अपने आचरण में भी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। झूठ बोलना, किसी को धोखा देना या किसी का ख़राब माता रानी की कृपा से दूर किया जा सकता है। इस दौरान सत्य बोलने और अच्छे कर्म करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

Navratri 2025 – जानिए इस बार कब शुरू होंगे चैत्र नवरात्रि, कितने दिन के होंगे नवरात्रि)

4. बाल कटवाना और नेकलाइन हैनवरात्रि में बाल और नेकलाइन को शुभ नहीं माना जाता है। यह नियम विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो व्रत रखते हैं या माता की पूजा करते हैं रह रहे हैं। इसे माता-पिता का प्रतीक माना जाता है, जिससे माता नाराज हो सकती हैं।

5. काले कपड़े न होटलनवरात्रि में लाल, पीला, गुलाबी और हरा जैसे शुभ रंग के परिधान शुभ माने जाते हैं। काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दौरान काला रंग होता है के चित्रों से बचना चाहिए। माता रानी को रंगीन और शुभ रंग प्रिय होते हैं।

6. अपवित्र स्थान पर ननवरात्रि में हमें अपने आस-पास की पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान किसी भी अपवित्र स्थान, जैसे कि श्मशान, शराबखाना, या अन्य नकारात्मक ऊर्जा वाले स्थानों पर जाने से छूट। इससे नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो सकती हैं और आपकी साधना में बाधा आ सकती है।

7. अधूरी पूजा न करेंमाता रानी की पूजा पूरी विधि-विधान से और पूरी श्रद्धा से करनी चाहिए। अधूरी पूजा करना या बीच में शुभ छोड़ना नहीं माना जाता है। यदि आप अखंड ज्योति जलाते हैं हैं, तो उनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर ज्योति बुझ जाए या पूजा अधूरी रह जाए तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

8. क्रोध और अभद्र भाषा से शिक्षानवरात्रि के दौरान मन, वाणी और कर्म से पवित्रता बनाए रखना जरूरी है। इस दौरान गलती करना, किसी से झगड़ा करना, या किसी का अपमान करना माता रानी की शिकायत का कारण बन सकता है. संयम रखना और मधुर वाणी बोलना इस समय विशेष रूप से आवश्यक होता है।

9. कन्या पूजन को अंतिम रूप न देंनवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। कुछ लोग इसे प्रतिबंधित कर देते हैं, जिसे अशुभ माना जाता है। माँ दुर्गा कन्याएँ जिस रूप में पूजी जाते हैं, इसलिए उन्हें खाना खिलाते हैं और उनका आशीर्वाद लेना बहुत जरूरी होता है।

10. मंदिर में बिना स्नान कियेनवरात्रि के दौरान स्वतंत्रता का विशेष ध्यान रखें। बिना नहाए पूजा करना या मंदिर में प्रवेश करना अशुभ माना जाता है। इसलिए, हर दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्रधारण कर ही पूजा- पवित्र करें।

नवरात्रि केवल उपवास और पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और साधना का समय है। अगर हम पुराने जमाने का पालन-पोषण करें और माता रानी की विदाई करें मन से भक्ति करेंगे, तो उनकी कृपा प्राप्त होगी। नवरात्रि में संयम और श्रद्धा बनाये रखें, नकारात्मक नकारात्मक से मुक्ति और माँ दुर्गा की कृपा से अपने जीवन कोसुख, शांति और समृद्धि से भर लें।”जय माता दी!”

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *