
हनुमान जयंती पर करें ये सरल उपाय, मिलेगी हर संकट से मुक्ति
हनुमान जयंती हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन चैत्र मास की पूर्णिमा को आता है और इसे पूरे भारत में भक्ति, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हनुमान जी को ‘अंजनीपुत्र’, ‘बजरंगबली’, ‘मारुति’, और ‘राम भक्त’ जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। वे शक्ति, भक्ति, निष्ठा और सेवा के प्रतीक हैं। इस विशेष दिन पर यदि विधिपूर्वक पूजा की जाए और कुछ नियमों का पालन किया जाए, तो हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है और उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है।
हम विस्तार से जानेंगे कि हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान को कैसे प्रसन्न करें और उनके आशीर्वाद से जीवन को कैसे सुखमय बनाया जा सकता है।
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1. प्रातःकाल उठकर शुद्धि और संकल्प
हनुमान जयंती के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और हनुमान जी के समक्ष बैठकर पूजा का संकल्प लें। संकल्प का अर्थ है कि आप मन, वचन और कर्म से पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा करेंगे।
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2. हनुमान जी का पूजन विधि
हनुमान जयंती के दिन घर पर या मंदिर में जाकर विधिपूर्वक पूजा करें। पूजन के लिए निम्न सामग्रियाँ तैयार रखें:
1) लाल फूल
2) सिंदूर (श्रीराम के चरणों का स्पर्श किया हुआ)
3) चमेली का तेल
4) लाल चोला
5) गुड़-चना या बूंदी के लड्डू
6) तुलसी के पत्ते
7) नारियल
पूजन विधि:
1) हनुमान जी को पहले गंगाजल से शुद्ध करें।
2) फिर उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
3) लाल फूल चढ़ाएं और लाल वस्त्र अर्पण करें।
4) गुड़-चना या लड्डू का भोग लगाएं।
5) धूप-दीप जलाकर आरती करें।
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3. हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी अत्यंत शुभ होता है। सुंदरकांड रामचरितमानस का वह भाग है जिसमें हनुमान जी की वीरता, भक्ति और बुद्धिमत्ता का वर्णन है।
यदि आप समय की कमी के कारण सुंदरकांड पूरा नहीं पढ़ सकते, तो उसकी कुछ चौपाइयों का पाठ करें जैसे:
> “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।”
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4. व्रत और उपवास
हनुमान जयंती के दिन उपवास रखना एक पुण्य कार्य माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। आप फलाहार कर सकते हैं या निर्जल उपवास भी कर सकते हैं, यह आपकी श्रद्धा और सामर्थ्य पर निर्भर करता है। व्रत के दौरान भगवान का नाम लेते रहना चाहिए और अधिक से अधिक समय ध्यान, जाप और भजन-कीर्तन में लगाना चाहिए।
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5. हनुमान जी को प्रिय भोग और प्रसाद
हनुमान जी को खास तौर पर बूंदी के लड्डू, गुड़-चना और केले का भोग प्रिय है। इसके साथ ही आप घर पर चूरमा या बेसन के लड्डू बनाकर भी उन्हें अर्पण कर सकते हैं। प्रसाद को सबसे पहले बंदरों को खिलाना भी शुभ माना जाता है क्योंकि हनुमान जी स्वयं वानर रूप में हैं।
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6. संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ
“संकट मोचन हनुमानाष्टक” का पाठ करने से जीवन के संकट, भय और शत्रुओं से रक्षा होती है। यह पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो किसी संकट या मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।
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7. दान-पुण्य और सेवा कार्य
हनुमान जी सेवा और परोपकार के प्रतीक हैं। इसलिए इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना, वस्त्र दान करना, गायों को चारा देना या पक्षियों के लिए पानी रखना जैसे सेवा कार्य अवश्य करें। इससे हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं और दयालु दृष्टि प्रदान करते हैं।
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8. ब्रह्मचर्य और संयम का पालन
हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है। इसलिए हनुमान जयंती पर संयमित जीवन जीना चाहिए। इस दिन मन, वचन और शरीर को पवित्र रखें। गलत विचारों, बुरी संगत और नकारात्मकता से दूर रहें।
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9. हनुमान मंत्रों का जाप
हनुमान जी के कुछ प्रमुख मंत्र इस प्रकार हैं:
ॐ हं हनुमते नमः
ॐ रामदूताय नमः
ॐ अञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान प्रचोदयात्।
इन मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें।
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10. हनुमान जी से क्या मांगें?
हनुमान जी को प्रसन्न करके आप शक्ति, साहस, आत्मविश्वास, रोगमुक्ति, भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति, और जीवन की कठिनाइयों से उबरने की शक्ति मांग सकते हैं। परंतु सबसे महत्वपूर्ण है – भक्ति और विवेक की प्रार्थना।
हनुमान जयंती एक ऐसा पर्व है जो न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि आत्मिक शुद्धता और आत्मबल प्राप्त करने का भी माध्यम है। यदि आप उपरोक्त बताए गए विधियों से श्रद्धा और भक्ति से हनुमान जी की पूजा करें, तो वे अवश्य प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
“जो शरण आये हनुमंत की, दुख-दरिद्र न लागे तिनकी।”
हनुमान जयंती की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। जय बजरंगबली!
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