
Manav Sharma – पत्नी से प्रताड़ित मानव शर्मा, एक संवेदनशील दृष्टिकोण
मानव शर्मा की कहानी उन पुरुषों के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जो वैवाहिक जीवन में प्रताड़ना का सामना करते हैं। समाज में अक्सर घरेलू हिंसा को महिलाओं से जोड़ा जाता है, लेकिन पुरुष भी इस समस्या का शिकार हो सकते हैं।
मानव शर्मा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उनकी पत्नी ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी ने झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की, जिससे उनका सामाजिक और पेशेवर जीवन प्रभावित हुआ।
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कानूनी दृष्टिकोण से, भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए मुख्यतः महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, लेकिन इसका दुरुपयोग कर पुरुषों को भी फंसाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि पत्नी द्वारा प्रताड़ना या दुर्व्यवहार की शिकायतों में धारा 498ए का स्वचालित रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने माना है कि पत्नी द्वारा पति के खिलाफ निराधार और झूठी शिकायतें मानसिक क्रूरता के समान हैं, जो तलाक का आधार बन सकती हैं।
मानव शर्मा की कहानी यह दर्शाती है कि पुरुषों के लिए भी कानूनी सहायता और समर्थन आवश्यक है। समाज को यह समझना होगा कि घरेलू हिंसा किसी एक लिंग तक सीमित नहीं है, और सभी पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए।
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